The अंकुरित अनाज के फायदे Diaries

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विटामिन सी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है. 

ओटमील बनाने के लिए छिलके वाले ओट्स जो आप बाज़ार से खरीदते है, वह अंकुरित नहीं होते हैं। अनाज अंकुरित करने के लिए कच्चे एवं जैविक साबुत अनाज जिनके छिलके न निकाले गये हो, उनकी जरूरत होती है। दूसरे तरह के अनाज सिर्फ भिगोये। आप ओटमील को मिसो पेस्ट (जो सोयाबीन और जौ के साथ किण्वित किया जाता है) के साथ रात भर किण्वित करके उसका उपयोग कर सकते हैं, ताकि आपके शरीर में जीवित संवर्धित जीवाणु (लाइव कल्चर) बढ़ सकें।

कोशिश करें कि जो बीज खराब, फीके या बिगड़े हुए आकार में हैं उनका उपयोग न करें। ऐसे बीजों का उपयोग करने से अंकुरित बीज ठीक से नहीं आएंगे। बहुत अंदर तक खुदाई करने की जरूरत नहीं है। मिट्टी उतनी ही ढीली रखें जितनी की अंकुर डालने के लिए सही है। मिट्टी में कुछ बूंदें पानी मिलायें।

अंकुरित करने से पूर्व बीजों से मिट्टी, कंकड़ पुराने रोगग्रस्त बीज निकलकर साफ कर लें।

पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें पर्याप्त

हमारा पेट काफी देर तक भरा रहता है। ऐसे में हम अतिरिक्त कैलोरी लेने से बच जाते हैं

इसमें फॉस्फोरस, आयरन, कैल्शियम, जिंक और मैग्नीशियम जैसे प्रमुख लवण पाए जाते हैं.

कई तरह के अनाज और फलियों से स्‍प्राउट बनाया जा सकता है. इनको अंकुरित करने पर इसमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स कई गुना बढ़ जाते हैं.

अर्थात हृदय के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही

जिससे ऑर्गन्स और सेल्स अपने कार्य सही प्रकार से कर पाते है.

The supplementation results of peanut sprout on reduction of abdominal Fats and well being indices in overweight and obese Gals

सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं। इन्हें खाने के बाद

एक फल या अन्न को पेड़ पर प्राकृतिक रूप से पकने का अर्थ है- उसके अन्दर के बीज का पूर्णता को प्राप्त हो जाना एवं बोने के बाद अपनी वंश Source परंपरा को आगे बढ़ाने की योग्यता आ जाना, परन्तु उसे अग्नि पर पकाने के पश्चात् क्या उस बीज में यह योग्यता शेष रह पाती है?

अंकुरित अनाज को शरीर के अमृत माना जाता है। इसके प्रतिदिन उपयोग से शरीर स्वस्थ और लंबे समय तक युवा रहता है। यह हमें ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है। यह मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

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